jai mata di shayari in hindi माँता रानी के आशीर्वाद से रचित शायरी व स्टेटस पढ़ने के लिए , उन्हें शेयर करने के लिए आप सभी का धन्यवाद । दोस्तों आप अपने सुझाव हमारे साथ साझा कर सकते हैं , अपने कमेंट द्वारा । माता रानी की कृपा हम सभी पर सदा बनी रहे । जय…
Category: Shayari
Ganpati bappa moraya
Spiritual poetry Jai shri ganesha shayari in hindi कह दो सारे जहां से उस ऊंचे आसमान से गणेशा आ रहे हैं गणेशा आ रहे हैं ————––————- बसे हो प्रभु तुम इस जहां के कण कण में तुम्हारी भक्ति से जगती है अलख कुछ करने की जन जन में Jai shri ganesha shayari in hindi
तेरे आने से उम्मीद हो गयी
Romantic shayari in hindi font Tere aane se ummed ho gayi जिस मोहब्बत के साये में आज जी रहा हूँ खुशनसीब हूँ हर पल पानी सा बह रहा हूँ खुद को जान रहा हूँ इस जहां में आने की वजह तलाश करता था जाने किस तरह खुद को संभाला करता था तेरे आने से उम्मीद…
हीर राँझा का अवतार हो
New shayari in hindi font Heer ranjha ka avtaar जो इश्क में हैं होते वो वक़्त को जाया यूँही नही किया करते जहां से हैं गुजरते लोग उन जैसा होने हैं लगते बदल भी हैं जब जब बरसते मोहब्बत को भीगाने को हैं तरसते और प्यार में डूबना तो है एक कला जो डूबा वो…
छोटी छोटी बातों पे बिगड़ना
Motivational poetry Choti choti baton pe bigadna हर किसी ने कहीं ना कहीं कुछ गलत कुछ सही है सहा कुछ ने कहा कुछ ने सहा जिक्र कही ना कहीं सभी ने किया ऐहतियात बरतना नए रिश्तो की डोर है ज़रा नाजुक है ज़रा संभलना एक दूजे को समझना परायो से छुपाना अपनों से निभाना वक़्त…
मिल्खा सपनो की खातिर
Inspirational poems Milka sapno ki khatir वो बस जीतना चाहते थे रुकना उन्हें नागवार जो था मंजिल भी उनका इंतज़ार कर रही थी उनका वक़्त घोड़े पर सवार जो था पांच नदियों के संगम से जो कहलाया पंजाब मिल्खा को भी था उस माँ से प्यार बेहिसाब लोगों के सपनो के पंख हैं लगते और…
हमारा कोई ख्वाब नहीं
Romantic shayari Hamara koi khwab nahi मैं इस तरफ तुम उस तरफ और कुछ ही पल पहले हमने देखे वो रंग तुम्हारे रुपहले जी चाह रहा था रंग में तुम्हारे रंग जाने को एक मन था संग तुम्हारे बादलो से घिर जाने को कुछ रहा नहीं अब कह जाने को वक़्त हो गया था दूर…
तेरे कदमो पे करते हैं निसार
मेरी ख्वाहिशों को रंगीनियत का एहसास दिला रही मेरे ख़्वाबों में तुम इस कदर छा रही जन्नत की मन्नत अब हम क्यूँ करें आशियाने में अपने तेरी जुल्फों में क्यूँ न डूबा करें इतनी हसीन हो और कहती हैं तारीफ़ भी न कया करें ज़िंदगी को गुलाबों से महका के मुझे अपना बनाके तेरे एहसान…