Love shayari
Sapno ki murat
दूर – दूर तक तेरा सा नहीं |
तेरे सिवा कोई अपने सा नहीं |
सपनो की मूरत को तुझमे रूबरू पाया है |
तुझसे दूर रहकर , खुद को तनहा पाया है |
तुझे पास रखने की फररयादे करता हूँ |
अब तो नींद में भी तुझसे ही मुलाकातें करता हूँ |